मेरे बस मेरे ही आंखों में रहते थे
थे मेरे बस मेरे ही सपने
थे मेरे बस मेरे ही अपने!
सिंचा खून पसीने से उन्हें
दिखाये सच करके!
सच होते ही वफादारी भूल गए
सच होते ही हो गए पराये
रहे नहीं सिर्फ मेरे बनके
हो गए हैं अब तो यह सबके!!!

