नकली हंसी हंसना सीख गई हूंl आंखों से बहते हैं आज भी लेकिन बेरंग खून ही, नमकीन पानी नहींl झूठ बोलना आज भी नहीं आताl पकड़े जाने के दर से झूठ मैं बोलती भी नहींl – सच मेंl हां, बदल तो गई हूं मैंl – बहुत ज्यादा नहीं लेकिन, बस जरा सा!

नकली हंसी हंसना सीख गई हूंl आंखों से बहते हैं आज भी लेकिन बेरंग खून ही, नमकीन पानी नहींl झूठ बोलना आज भी नहीं आताl पकड़े जाने के दर से झूठ मैं बोलती भी नहींl – सच मेंl हां, बदल तो गई हूं मैंl – बहुत ज्यादा नहीं लेकिन, बस जरा सा!